GEOGRAPHY : सौरमंडल क्या है !

 सौरमंडल 

सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, क्षुदग्रहों. धूमकेतुओ, उल्काओ तथा अन्य आकाशीय पिंडो के समूह को सौरमंडल कहते है ! सौरमंडल में सूर्य के प्रभुत्व है, क्योकि सौरमंडल निकाय के द्रव्य का लगभग 99.999 द्रव्य सूर्य में निहित है ! सौरमंडल के समस्त उर्जा का श्रोत भी सूर्य ही है !

'प्लेनेमस' सौरमंडल से बहार बिलकुल एक जैसा दिखने वाले जुड़वां पिंडो का एक समूह है !

सूर्य 

  • सूर्य सौरमंडल का प्रधान है ! यह हमारी मन्दाकिनी दुग्धमेखला के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाशवर्ष की दुरी पर एक कोने में स्थित है !
  • यह दुग्धमेखला मंदाकिनी के केंद्र के चारो ओर 250 किमी / से. की गति से परिक्रमा कर रहा है ! इसका परिक्रमण कल दुग्धमेखला के केंद्र के चारो ओर एक बार घुमने में लगा समय 25 करोड़ (250) मिलियन वर्ष है, जिसे ब्रह्माण्ड वर्ष (COSMOS YEAR) कहते है ! सूर्य अपने अक्ष पार पूर्व से पक्षिम की ओर घूमता है ! इसका मध्य भाग 25 दिनों में व ध्रुवीय भाग 35 दिनों के एक घूर्णन करता है !
  • सूर्य एक गैसीय गोला है, जिससे हाइड्रोजन 71% हीलियम, 26.5% एवं अन्य तत्व 2.5% होता है ! सूर्य का केन्द्रीय भाग क्रोड (CORE) कहलाता है, जिसका ताप 1.5x10 7'C होता है तथा सूर्य के बहरी सतह का तापमान 6000' होता है !
  • हैस बेथ ( HANS BETHE ) ने बताया की 10'7'C ताप पर सूर्य के केंद्र पार चार हाइड्रोजान नाभिक मिलकर एक हीलियम नाभिक का निर्माण करता है, अर्थात सूर्य के केंद्र पर नाभिकीय संलयन होता है, जो सूर्य की उर्जा का श्रोत है !
  • सूर्य की दीप्तीमान सतह को प्रकाशमण्डल कहते है ! प्रकाशमण्डल के किनारे प्रकाशमान नहीं होते , क्योकि सूर्य का वायुमंडल प्रकाश का अवशोषण कर लेता है ! इसे वर्णमंडल कहते है ! यह लाल रंग का होता है !
  • सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के दिखाई देने वाले भाग को 'सूर्य-किरीट' (CORONA) कहते है ! सूर्य-किरीट X-RAY उत्सर्जित करता है ! इसे सूर्य का मुकुट कहा जाता है ! पूर्ण सूर्य-ग्रहण के समय सूर्य-किरीट से प्रकाश की प्राप्ति होती है !
  • सूर्य की उम्र 5 मिलियन वर्ष है !
  • भविष्य में सूर्य द्वारा उर्जा देते रहने का समय 10'11 वर्ष है !
  • सूर्य के प्रकः को पृथ्वी तक पहुँचने में 8 मिनट 16.6 सेकेण्ड का समय लगता है !
  • सूर्य ज्वाला को उत्तरी ध्रुव पर ' औरोरा बोरियालिस' और दक्षिणी ध्रुव पर 'औरोरा ऑस्ट्रेलिस' कहते है !
  • सूर्य के धब्बे ( चलते हुए गैसों के खोल ) का तापमान आसपास के तापमान से 1500'C कम होता है ! सूर्य के धब्बो का एक पूरा चक्र 22 वर्षो का होता है ! पहले 11 वर्षो तक यह धब्बा बढ़ता है और बाद में 11 वर्षो तक यह धब्बा घटता है ! जब सूर्य की सतह पर धब्बा दिखलाई पड़ता है, उस समय पृथ्वी पार चुम्बकीय झाझावत उत्पन्न होता है ! इससे चुम्बकीय सुई की दिशा बदल जाती है एवं रेडियो, टेलीविजन, बिजली चालित मशीन आदि में गड़बड़ी उत्पन्न हो जाती है !
  • सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का लगभग 110 गुना है !
  • सूर्य हमारी पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है, और पृथ्वी को सूर्य ताप का 2 अरबवां भाग मिलता है !

 सौरमंडल के पिंड 

अन्तराष्ट्रीय खालो शास्त्रीय संघ ( International Astronimical Union-IAU) की प्राग सम्मलेन - 2006 के अनुसार सौरमंडल में मौजूद पिंडो को निम्नलिखित तिन श्रेणियों में बांटा गया है --

  1. परम्परागत ग्रह- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, एवं वरुण 
  2. बौने ग्रह - प्लूटो, चेरॉन, सेरस, 2003 यूबी 313
  3. लघु सौरमंडलीय पिंड - धूमकेतु, उपग्रह एवं अन्य छोटे खगोलीय पिंड !
ग्रह - ग्रह वे खगोलीय पिंड है जो निम्न शर्तो को पूरा करते हों - 1. जो सूर्य के चारो और परिक्रमा करता हो ! 2. उसमे पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल हो जिससे वह गोल स्वरुप ग्रहण कर सके ! 3. उसके आस पास का क्षेत्र साफ हो यानी उसके आस-पास अन्य खगोलीय पिंडो की भीड़-भाड़ न हो ! ग्रहों की उपर्युक्त परिभाषा आई. एन. यु. की प्राग सम्मलेन में तय की गई है ! गृह की इस परिभाषा के आधार पर यम को गृह की श्रेणी से निकल दिया गया फलस्वरूप परंपरागत ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गयी ! यम को बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया ! ग्रहों को दो भागो में विभाजित किया गया है !
  1. पार्थिव या आन्तरिक गृह - बुध, शुक्र, पृथ्वी एवं मंगल को पार्थिव ग्रह कहा जाता है, क्योकि ये पृथ्वी के सदृश होते है !
  2. बृहस्पतीय या बाह्य गृह - बृहस्पति, शनि, अरुण व वरुण को बृहस्पतीय ग्रह कहा जाता है !
  • मंगल, बुध, बृहस्पति शुक्र एवं शनि इन पांच ग्रहों को नंगी आँखों से देखा जा सकता है !
  • आकर के अनुसार ग्रहों का क्रम (घटते क्रम में ) - बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल एवं बुध अर्थात सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति एवं सबसे छोटा बुध है !
  • धनत्व के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में )- शनि, अरुण, बृहस्पति, नेप्च्युन, मंगल एवं शुक्र !
  • सूर्य से दुरी के अनुसार ग्रहों का क्रम - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण (युरेनस) एवं वरुण (नेप्च्युन) यानी सूर्य के सबसे निकट का ग्रह बुध एवं सबसे दूर स्थित ग्रह वरुण है !
  • द्रव्यमान के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में ) - बुध, मंगल, शुक्र, पृथ्वी, अरुण, वरुण, शनि एवं बृहस्पति यानि न्यूनतम द्रव्यमान वाला ग्रह  बुध एवं अधिकतम द्रव्यमान वाला ग्रह वृहस्पति है !
  • परिक्रमण काल के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में ) - बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण !
  • परिभ्रमण काल के अनुसार ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में ) - बृहस्पति, शनि, वरुण, अरुण, पृथ्वी, मंगल, बुध एवं शुक्र !
  • अपने अक्ष के झुकाव के आधार पर ग्रहों का क्रम (बढ़ते क्रम में )- शुक्र, बृहस्पति, बुध, पृथ्वी, मंगल, शनि, वरुण, एवं अरुण !
  • शुक्र एवं अरुण को छोड़कर अन्य सभी ग्रहों का घूर्णन एवं परिक्रमण की दिशा एक ही है ! शुक्र एवं अरुण के घूर्णन की दिशा पूर्व से पश्चिम है, जबकि अन्य सभी ग्रहों के घूर्णन की दिशा पश्चिम से पूर्व है !
 ग्रह 
 बुध - (Mercury)
  • यह सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है, जो सूर्य निकलने के दो घंटा पहले दिखाई देता है !
  • यस सबसे छोटा एवं सबसे हल्का ग्रह है ! इसके पास कोई उपग्रह नहीं है !
  • इसका सबसे विशिष्ट गुण है - इसमें चुम्बकीय क्षेत्र का होना !
  • यश सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरी करता है ! अर्थात यह सौरमंडल का सर्वाधिक कक्षीय गति वाला ग्रह है !
  • यहाँ दिन अति गर्म व रातें बर्फीली होती है ! इसका तापान्तर सभी ग्रहों में सबसे अधिक (6000C) है ! इसका तापमान रात में -1730C व दिन में 4270C  हो जाता है !
शुक्र - (Venus)
  • यह पृथ्वी का निकटतम, सबसे चमकीला एवं सबसे गर्म ग्रह है !
  • इसे साँझ का तारा या भोर का तारा कहा जाता है, क्योकि यह शाम में पश्चिम दिशा में तथा सुबह में पूरब की दिशा में आकाश में दिखाई पड़ता है !
  • यह अन्य ग्रहों के विपरीत दक्षिणावर्त चक्रण करता है !
  • इसे पृथ्वी का भगिनी ग्रह कहते है ! यह धनत्व, आकार एवं व्यास में पृथ्वी के समान है !
  • इसके पास कोई उपग्रह नहीं है !
बृहस्पति - (Jupiter)

  • यह सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है ! इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में 10 घंटा (सबसे कम ) और सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष लगते है ! बृहस्पति का द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 1000 वां भाग है !
  • इसके उपग्रह ग्यानीमीड (पीले रंग का ) सभी उपग्रहों में सबसे बड़ा है !

मंगल - (Mars)

  • इसे लाल गृह कहा जाता है, इसका रंग लाल, आयरन आक्साइड के कारण है !
  • यहाँ पृथ्वी के समान दो उपग्रह है तथा इसका कक्षातली 250 के कोण पर झुका हुआ है, जिसके कारन यहाँ पृथ्वी के समान ऋतू परिवर्तन होता है !
  • इसके दिन का मन एवं अक्ष का झुकाव पृथ्वी के समान है !
  • यह अपनी धुरी पर 24 घंटे में एक बार पूरा चक्कर लगाता है !
  • इसके दो उपग्रह है -  फोबोस और डिमोस !
  • सूर्य की परिक्रमा करने में इसे 687 दिन लगते है !
  • सौरमंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलिपस मेसी एवं सौरमंडल का सबसे ऊँचा पर्वत निक्स ओलंपिया जो माउन्ट एवरेस्ट से तिन गुना अधिक ऊँचा है, इसी ग्रह पर स्थित है !
नोट : मार्स ओडेसी नमक कृत्रिम उपग्रह से मंगल पर बर्फ छ्त्रको और हिमशीतित जल की उपस्थिति की सूचना मिली है ! इसलिए पृथ्वी के अलावा यह एकमात्र ग्रह है जिसपर जीवन की संभावना व्यक्त की जाती है ! 6 अगस्त 2012 ई० को NASA का मार्स क्युरियोसिटी रोवर नामक अंतरिक्षयान मंगल ग्रह पर गेल क्रेटर नामक स्थान में पहुंचा ! यह मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना तथा उसके वातावरण का अध्ययन कर रहा है !
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संसथान (ISRO) ने अपने मंगलयान 5 नवम्बर 2013 को श्री हरिकोटा (आन्ध्र प्रदेश) से ध्रुवीय अंतरिक्ष प्रक्षेपणयान PSLV-C-25 से प्रक्षेपित किया ! यह भारत का पहला अन्तराग्रहीय अभियान है ! इसरो सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम, नासा एवं यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी के बाद चौथी अंतरिक्ष एजेंसी है जिसने मंगल ग्रह के लिए अपना अंतरिक्षयान भेजा !

शनि - (Saturn)
  • यह आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है !
  • इसकी विशेषता है- इसके ताल के चारो ओर वाले का होना (मोती प्रकाश वाली कुंडली) ! वलय की संख्या 7 है ! यह आकाश में पीले तारे के समान दिखाई पड़ता है !
  • इसका घनत्व सभी ग्रहों एवं जल से भी कम है ! यानि इसे जल में रखने पर तैरने लगेगा !
  • शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाईटन है जो सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है ! यह आकार में बुध के बराबर है ! टाईटन की खोज 1665 में डेनमार्क के खगोलशास्त्री क्रिश्चियन हाईजोन ने की ! यह एकमात्र ऐसा उपग्रह है जिसका पृथ्वी जैसा स्वयं का सघन वायुमंडल है !
  • फ़ोबे नमक शनि का उपग्रह इसकी कक्षा में घुमने की विपरीत दिशा में परिक्रमा करता है !
अरुण - (Uranus)
  • यह आकर में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है ! इसका तापमान लगभग  2150C है !
  • इसकी खोज 1781 ई, में विलियम हर्शेल द्वारा की गयी है !
  • ईसके चारो ओर नौ वलयों में पांच वलयों का नाम अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा एवं इप्सीलॉन है !
  • यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर (दक्षिणावर्त) घूमता है, जबकि अन्य ग्रह पश्चिम से पूर्व की ओर (वामावर्त) घूमते है ! यहाँ सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर होता है ! इसके सभी उपग्रह भी पृथ्वी की विपरीत दिशा में परिभ्रमण करते है !
  • यह अपनी धुरी पर सूर्य की और इतना झुका हुआ है की लेटा हुआ सा दिखाई पड़ता है, इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह कहा जाता है ! इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाईटेनिया है !
वरुण - (Neptune)
  • इसकी खोज 1846 ई, में जर्मन खगोलज्ञ जहॉंन गले ने की है !
  • नई खगोलीय व्यवस्था में यह सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह है !
  • यह हरे रंग का ग्रह है यानी यह हरे रंग के प्रकाश को उत्सर्जित करता है ! इसके चारो ओर अति शीतल मीथेन का बदल छाया हुआ है !
  • इसके उपग्रहों में ट्राईटन प्रमुख है !
पृथ्वी - (Earth)
  • पृथ्वी आक्र्र में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है ! पृथ्वी का अक्ष उसके कक्षा-तल पर बने लंव से 23½o (23o30’) झुका हुआ है ! दुसरे शब्दों में पृथ्वी का अक्ष पृथ्वी की कक्षा तल से 66½o (66o30’) का कोण बनाता है !
  • यह सौरमंडल के एकमात्र ग्रह है, जिसपर जीवन है ! इसका एकमात्र उपग्रह चन्द्रमा है !
  • इसका विषुवतीय व्यास 12,756 किमी. और ध्रुवीय व्यास 12,713.6 किमी. है ! दोनों व्यासो का अंतर 43 किमी. है ! पृथ्वी का औसत व्यास 12,742 किमी. है ! इसकी गणना सर्वप्रथम इरेटॉस्थनिज ने की !
  • सूर्य से पृथ्वी की दुरी 149.6 मिलियन किमी. है !
  • यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1,610 किमी. प्रतिघंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकण्ड में एक पूरा चक्कर लगाती है ! पृथ्वी की इस गति को घूर्णन या दैनिक गति कहते है ! इस गति से दिन-रात होते है !
  • पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में 365 दिन 5 घंटे  48 मिनट 46 सेकण्ड (लगभग 365 दिन 6 घंटे ) का समय लगता है ! इस समयावधि के दौरान परिक्रमा पूरी करने में पृथ्वी का माध्य वेग लगभग 30 किमी./से. (29.8 किमी./से.) होता है ! सूर्य के चतुर्दिक पृथ्वी के इस परिक्रमा को पृथ्वी की वार्षिक गति अथवा परिक्रमण कहते है ! पृथ्वी को सूर्य की एक परिक्रमा करने में लगे समय को सौर वर्ष कहा जाता है ! प्रत्येक सौर वर्ष, कैलेण्डर वर्ष से लगभग 6 घंटा बढ़ जाता है, जिसे हर चौथे वर्ष में लिप वर्ष बनाकर समायोजित किया जाता है ! लिप वर्ष 366 दिन का होता है, जिसके कारण फरवरी माह में 28 दिन के स्थान पर 29 दिन होते है !
  • पृथ्वी पर ऋतू परिवर्तन , इसकी अक्ष पर झुके होने के कारण व सूर्य के सापेक्ष इसकी स्थिति में परिवर्तन यानि वार्षिक गति के कारण होती है ! वार्षिक गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन-रात छोटा-बड़ा होता है !
  • आकर एवं बनावट की दृष्टि से पृथ्वी शुक्र के समान है !
  • जल की उपस्थिति के कारण इसे नीला ग्रह भी कहा जाता है !
  • सूर्य के बाद पृथ्वी के सबसे निकट का तारा प्रौक्सिमा सेन्चुरी है, जो अल्फा सेंचुरी समूह का एक तारा है ! यह पृथ्वी से 4.22 प्रकाशवर्ष दूर है !
  • साईंरस या डॉग स्टार पृथ्वी से 9 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है एवं सूर्य से दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है ! यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाला सर्वाधिक चमकीला तारा है !
चन्द्रमा - (Moon)
  • चन्द्रमा की सतह और उसकी आन्तरिक स्थिति का अध्ययन करने वाला विज्ञानं सेलेनोलॉजी कहलाता है ! चन्द्रमा पर धुल के मैदान को शांति सागर कहते है ! यह चन्द्रमा का पिछला भाग है, जो अंधकारमय होता है !
  • चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर स्थित लीबनिटज पर्वत  (36,000 फीट (10,668 मीटर ) चन्द्रमा का उच्चतम पर्वत है ! चन्द्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहा जाता है !
  • चन्द्रमा पृथ्वी की एक परिक्रमा लगभग 27 दिन 8 घंटे में पूरी करता है और इतने ही समय में अपने अक्ष पर एक घूर्णन करता है ! यही कारण है की चन्द्रमा का सदैव एक ही भाग दिखाई पड़ता है ! पृथ्वी से चन्द्रमा का 57% भाग को देख सकते है !
  • चन्द्रमा का अक्ष तल पृथ्वी के अक्ष के साथ 58.48o  का अक्ष कोण बनाता है ! चन्द्रमा पृथ्वी के अक्ष के लगभग सामानांतर है ! इसका परिक्रमण पथ भी दीर्घ वृत्ताकार है !
  • चन्द्रमा का व्यास 3,480 किमी. तथा द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 1/81 है !
  • सूर्य के सन्दर्भ में चन्द्रमा की परिक्रमा की अवधि 29.53 दिन (29 दिन 12 घंटे 44 मिनट और 2.8 सेकण्ड ) होती है ! इस समय को एक चन्द्रमास या साईंनोडिक मास कहते है !
  • नाक्षत्र समय के दृष्टिकोण से चन्द्रमा लगभग 27½  दिन में पुनः उसी स्थिति में होता है ! 27½ दिन (27 दिन 7 घंटे 43 मिनट और 11.6 सेकण्ड ) की यह अवधि एक नाक्षत्र मास कहलाती है !
  • ज्वार उठने के लिए अपेक्षित सौर एवं चन्द्रमा की शक्तियों का अनुपात 11:5 है !
  • अपोलो के अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा लाये गए चट्टानों से पता चला की चन्द्रमा भी उतना ही पुराना है जितना पृथ्वी (460 करोड़ वर्ष  ) इन चट्टानों में टाईटेनियम अधिक मात्रा में है !
  • सुपर मून : जब चन्द्रमा पृथ्वी सबसे निकट होता है, तो उस स्थिति को सुपर मून कहते है ! इसे पेरिजी फुल मून भी कहते है ! इसमें चाँद 14% ज्यादा बड़ा तथा 30% अधिक चमकीला दिखाई पड़ता है !
  • चन्द्रमा एवं पृथ्वी के बीच की औसतन दुरी 3,84,365 किमी है !
  • ब्लू मून : एक कैलेण्डर माह में दो पुर्णिमाए हो, तो दूसरी पूर्णिमा का चाँद ब्लू मून कहलाता है ! इसका मुख्य कारण दो पुर्णिमाओं के बीच अन्तराल 30 दिनों से कम होना है ! ऐसा दो-तीन साल पर होता है ! अगस्त 2012 ई. में दो पूर्णिमा (2 व 31 अगस्त )  देखे गये ! इनमे से 31 अगस्त के पूर्णिमा को ब्लू मून कहा गया ! जब किसी वर्ष विशेष में दो या अधिक माह ब्लू मून के होते है, मून इयर कहा जाता है ! वर्ष 2018 ई. ब्लू मून इयर था !
 बौने ग्रह 
  • यम (Pluto) : IAU ने इसका नया नाम 1,34,340 रखा है ! (क्लाड टामवो ने 1930 ई. में खोज की )
  • अगस्त 2006 ई. की IAU की प्राग सम्मलेन में ग्रह कहलाने के मापदंड पर खरे नहीं उतरने के कारण यम को ग्रह की श्रेणी से अलग कर बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है !
  • यम को ग्रह के श्रेणी से निकले जाने का कारण - आकार में चन्द्रमा से छोटा होना, इसकी कक्षा का वृत्ताकार नहीं होना, वरुण की कक्षा को काटना 
  • सेरस (सेरेस) : इसकी खोज इटली के खगोलशास्त्री पियाजी ने किया था !
  • IAU की नै परिभाषा के अनुसार इसे बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है ! इसे संख्या 1 से जाना जायेगा ! इसका व्यास बुध के व्यास का 1/5 भाग है !
  • अन्य बौने ग्रह चेरॉन एवं 2003 UB 313 (इरिस )

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