GEOGRAPHY : ब्रह्माण्ड क्या है !

 ब्रह्माण्ड 

  • अस्तित्वमन द्रव्य एवं उर्जा के सम्मिलित रूप को ब्रह्माण्ड कहते है !
  • दुसरे शब्दों में सूक्ष्म्तम अणुओ से लेकर महाकाय आकाशगंगाओ तक के सम्मिलित स्वरुप को ब्रह्माण्ड कहा जाता है !
  • ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से संबंधित प्रमुख सिद्धांत निम्न है -
  1. महाविस्फोटक सिद्धांत : एब जॉर्ज लैमेंतेयर 
  2. साम्यावस्था या सतत सृष्टि सिद्धांत या स्थिर अवस्था संकल्पना : थॉमस गोल्ड एवं हर्मन बौडी
  3. दोलन सिद्धांत - डॉ. एलन संडेजा 
  4. स्फीति सिद्धांत - अलेन गुथ 
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति 
ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के सम्बन्ध में महाविस्फोट सिद्धांत (Big-Bang Theory) सर्वाधिक मान्य सिद्धांत है ! इसका प्रतिपादन बेल्जियम खगोलज्ञ एवं पादरी एब जॉर्ज लैमेंतेयर ने किया था ! बाद में रॉबर्ट बेगोनेर ने इस सिद्धांत की व्याख्या की !
महाविस्फोटक सिद्धांत के अनुसार :
  1. आरंभ में वे सभी पदार्थ, जिनसे ब्रह्माण्ड बना है, अति छोटे गोलक ( एकाकी परमाणु ) के रूप में एक ही स्थान पर स्थित था, जिनका आयतन अत्यधिक सूक्ष्म एवं तापमान तथा घनत्व अनंत था !
  2. अत्यधिक संकेन्द्रण के कारन बिंदु का आकस्मिक विस्फोट हुआ, जिसे महाविस्फोट ब्रह्मांडीय विस्फोट कहा गया ! इस अचानक विस्फोट से पदार्थो को विखराव हुआ, जिससे सामान्य पदार्थ निर्मित हुए ! इसके अलगाव के कारण काले पदार्थ बने, जिनके समूहन से अनेक ब्रह्मांडीय पिंडो का सृजन हुआ !
  3. वैज्ञानिको का विश्वास है की महाविस्फोट की घटना आज से 13.7 अरब वर्ष पहले हुई थी ! महाविस्फोट के लगभग 10.5 अरब वर्ष पश्चात् यानी आज से 4.5 अरब वर्ष पूर्व सौरमंडल का विकास हुआ, जिसमे ग्रहों तथा उपग्रहों का निर्माण हुआ !
  4. इस प्रकार बिग बैग परिघटना से ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई और तभी से उसमे निरंतर विस्तार जारी है ! इसके साक्ष्य के रूप में आकाशगंगाओ के बिच बढती दुरी का साक्ष्य दिया जाता है ! NASA ने 2001 ई.में MAP ( Microwavve Anisotroply Probe ) नमक अनुसंधान में इसकी पुष्टि की !
  • ब्रह्माण्ड के निरंतर विस्तारण के साक्ष्य जुटाने में एड्बिन हब्बल का योगदान उल्लेखनीय है ! ब्रह्माण्ड के निरंतर विस्तारण के साक्ष्य के रूप में अन्तरिक्ष में सूक्ष्म तरंगो की उपस्थिति का पता चलना, अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन तथा आधुनिक अध्ययनों में सुपरनोवा का अंतरिक्ष में विस्फोट होना भी ब्रह्माण्ड के विस्तार के साक्ष्य रूप में मन जा रहा है !
  • ब्रह्माण्ड के रहस्यों को जानने के लिए 30 मार्च 2010 ई. को योरोपियन सेंटर फॉर न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर ने जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 50 से 170 मीटर निचे 27.36 किमी लम्बे सुरंग में लार्ज हैड्रन कोलईजर नामक महाप्रयोग सफलतापूर्वक किया गया ! इसमें प्रोटॉन बीमों को लगभग प्रकाश की गति से टकराया गया तथा हिग्स बोसौन के निर्माण का प्रयास किया गया ! माना जाता है की गौड पार्टिकल के नाम से जाना जाने वाला हिग्स बोसौन में ही ब्रह्माण्ड के रहस्य छिपे है, क्योकि यह सबसे बेसिक यूनिट मन जाता है ! CERN ने 4 जुलाई 2012 ई. को हिग्स बोसौन से मिलता-जुलता सब-एटोमिक पार्टिकल की खोज करने में सफलता हासिल की है ! इससे ब्रह्माण्ड के रहस्यों को जानने के विषय में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है !
ब्रिटिश वैज्ञानिक हिग्स ने 1964 ई, में कास्मोलॉजी समझने हेतु गौड़ पार्टिकल परमाणविक अवधारणा को पेश किया था , जो भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्रनाथ बोस के बोसन थ्योरी पर आधारित थी !
  • ब्रह्माण्ड का व्यास 108  प्रकाशवर्ष है ! ब्रह्माण्ड में अनुमानतः 100 अरब मन्दाकिनी है ! प्रत्येक मंदाकिनी कहलाता है , जिसे दुग्ध्मेला या आकाशगंगा (MILKY WAY)कहते है ! अबतक ज्ञात इस मंदाकिनी का 80% भाग सर्पिला है ! इस मंदाकिनी को सबसे पहले गैलिलियो ने देखा था !
  • आकाशगंगा की सबसे नजदीकी मंदाकिनी को देवयानी नाम दिया गया है !
  • नवीनतम ज्ञात मंदाकिनी - ड्वार्फ मंदाकिनी है !
  • निहारिका - यह एक ब्रह्मांडीय नर्सरी है जहाँ तारो का जन्म होता है ! निहारिका में धुल और गैसों का बदल होता है ! सभी तारों का जन्म निहारिका में होता है ! सिर्फ कुछ दुर्लभ अवसरों को छोड़कर जिसमे दो न्युट्रॉन तारे एक श्याम विवर बनाते है ! वैसे भी न्युट्रॉन तारे और श्याम विवर मृत तारे माने जाते है ! यहाँ पाए जाने वाले गैसों में हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस एवं अन्य आयनीकृत प्लाज्मा गैस होती है !
  • निहारिका दो अलग- अलग कारणों से बनती है, पहला ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति और दूसरा किसी विस्फोटक तारे से बने सुपरनोवा से !
  • ब्रह्माण्ड के जन्म के बाद परमाणुओ का जन्म हुआ और इन परमाणुओ से धुल और गैस के बादलो का निर्माण हुआ !
  • सुपरनोवा से जो पदार्थ उत्सर्जित होता है इससे भी निहारिका का जन्म होता है ! इसके उदहारण है वेल और कर्क !
  • निहारिका की उत्पत्ति ब्रह्माण्ड के जन्म और सुपरनोवा के मिश्रण से भी हो सकता है !

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